Friday ,3rd May 2024

जानिए बद्रीनाथ के तप्त कुंड का क्या है रहस्य ?

जानिए बद्रीनाथ के तप्त कुंड का क्या है रहस्य ? हिंदू धर्म में चार धाम यात्रा का अपना एक विशेष महत्व है। इनमें गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम शामिल हैं। इस अलौकिक धाम की यात्रा देश का हर हिंदू करना चाहता है। भगवान बद्रीनाथ का मंदिर हिमालय पर्वत की श्रेणी में अलकनंदा नदी के तट पर स्थ...

मित्रो आज गुरुवार है, मैं आपका गुरु तो नही हूं, लेकिन आज कुछ गुरु जैसी ही बात आपको बताऊगा!!!!!!!

* नर तनु भव बारिधि कहुँ बेरो। सन्मुख मरुत अनुग्रह मेरो॥ करनधार सदगुर दृढ़ नावा। दुर्लभ साज सुलभ करि पावा॥ भावार्थ:-यह मनुष्य का शरीर भवसागर (से तारने) के लिए बेड़ा (जहाज) है। मेरी कृपा ही अनुकूल वायु है। सद्गुरु इस मजबूत जहाज के कर्णधार (खेने वाले) हैं। इस प्रकार दुर्लभ (कठिनता से मिलने वाले...

“नर्मदा नदी के हर पत्थर में है शिव, आखिर क्यों ?”

“नर्मदा नदी के हर पत्थर में है शिव, आखिर क्यों ?” नर्मदेश्वर शिवलिंग के सम्बन्ध में एक धार्मिक कथा है –भारतवर्ष में गंगा, यमुना, नर्मदा और सरस्वती ये चार नदियां सर्वश्रेष्ठ हैं। इनमें भी इस भूमण्डल पर गंगा की समता करने वाली कोई नदी नहीं है। प्राचीनकाल में नर्मदा नदी ने बहुत वर्ष...

नारायण कवच!!!!!!!!

  श्रीमद्भागवत में वर्णित ‘नारायण कवच’ एक ब्रह्मास्त्र की तरह है जो हर जगह और हर समय हमारी रक्षा करता है । जिस प्रकार सैनिक युद्ध के लिए जाते समय लोहे का कवच पहन कर जाते हैं, वैसे ही मनुष्य को समस्त दु:ख और भयों से रक्षा के लिए ‘मंत्रात्मक नारायण कवच’ धारण करना चाहिए।...

वट सावित्री व्रत के दिन क्यों की जाती है वट वृक्ष की पूजा ?

वट सावित्री व्रत के दिन वट वृक्ष की पूजा की जाती है, जिससे विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है। पति की लंबी उम्र के लिए यह व्रत किया जाता है। पौराणिक मान्यता ह कि सावित्री ने बरगद के पेड़ के नीचे अपने मृत पति के जीवन को वापस लाया। यमराज को अपने पुण्य धर्म से प्र...

एक बार चित्र को गौर से देखिए फिर पोस्ट पढ़े...

  भारतीय महिलाएं दंडवत प्रणाम क्यों नहीं करती हैं... ये है भगवान को प्रणाम करने का सही तरीका...  आपने कभी ये देखा है कि कई लोग मूर्ति के सामने लेट कर माथा टेकते है। जी हां इसी को साष्टांग दंडवत प्रणाम कहा जाता है।              शास्त्रों के अन...

दिवाली के दीपक से पहले क्यों जलाते हैं यम के नाम का दीया ?

इस साल दिवाली 24 अक्टूबर 2022 को मनाई जाएगी। हिंदू धर्म में दिवाली से एक दिन पहले नरक चतुर्दशी मनाई जाती है। इस दिन यम के नाम का दीपक जलाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन यम का दीपक जलाने से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है।और घर कलह-कलेश खत्म होता है। तो चलिए पढ़ते हैं इससे जुड़ी कथा - ...

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